·       फरियाद कर रही है, तरसी हुई निगाह, किसी को देखे हुए अरसा हो गया।


·       तू स्‍वयं की खोज में निकल, तू किसी लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की, समय को भी तलाश है।

·       जिन्‍दगी भी इतनी भी आसान नहीं होती, मुश्किलों में मुस्‍कुमराने की आदत डाल लीजियें।


·       किसी ने धूल क्‍या झोकी ऑखों में , पहले से बेतहर दिखने लगा है।


·       बहुत अंदर तक तबाही मचाता है, वो ऑसू जो ऑख से बह नहीं पाता।

·       सफलताहमेंशा आपकों अकेले में गले लगाती है, लेकिन असफलता हमेंशा जनता में आपको थप्‍पड लगाती है। इसी का नाम जिन्दगी है


·       अब पहले जैसी नहीं रही, जिन्‍दगी बस सोचते-सोचते गुजर रही है, मौज तो बचपन में थी यारों , अब तो कामयाबी के फिकरों में निकल रही है।


·       बड़ा शौक था मुझे सबकों जोड़कर रखने का, होश तब आया जब खुद के वजूद के टुकड़े हो गयें।

·       जिन्‍दगी में धोखे ऐसे ही नहीं मिलते साहब, इसके लिए लोगों का भला करना होता है।


·       नींद आयेगी जिस दिन,  तो इस तरह से हम सोयेगें, कि हमें जगाने के लिए लोग रोयेंगें।


·       जो चाहे वह करना जिंदगी में लेकिन एक सलाह है, कभी अधूरी बात व झूठ मत बोलना।


·       वक्‍त वो है जो सिखा देता है इंसान को , फलसफा जिंन्‍दगी का, फिर तो नसीब क्‍या, लकीर क्‍या और तकदीर क्‍या।



·       मैदानमे हारा हुआ व्‍यक्ति तो फिर से जीत हासिल कर सकता है, लेकिन जो इंसान मन से ही हार गया हो , वो जीत कभी नहीं हासिल कर सकता।


·       हजारों महफिले हैं और हजारों मेले है, लेकिन जहॉ तुम नहीं हो वहॉ हम बिल्‍कुल अकेले हैं।


·       खुलेआम यह शिकायत है, जिन्‍दगी से मुझे , क्‍यों मिलता नहीं मेरा मिजाज किसी से।


·      
जख्‍म देकर ना पूछा करों दर्द की शिदत, दर्द तो दर्द होता है, थोड़ा क्‍या, ज्‍यादा क्‍या।



·       माना कि मैं अमीर नहीं हॅू लेकिन कोई अपना बना लें तो उसका हर गम खरीद सकता हॅू।


·       चलों अब जाने भी दो क्‍या करोंगे दास्‍तॉ सुनकर, खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयॉ हमसे होगा नहीं।
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