जैसा कि आप सभी जानते हैं इस वेबसाइट के माध्यम से आप सभी को योग, आयुर्वेद, तकनीक एवं विभिन्न प्रकार की सूचनाएं प्रदान की जाती है तो दोस्तों आज हम लोग जानेंगे कि मुद्रा किसे कहते हैं मुद्रा हम लोगों को प्राकृतिक द्वारा दी हुई एक विशेष क्रिया है, तो सबसे पहले ब्रह्म मुद्रा को देखते हैं और इस पोस्ट में ब्रह्म मुद्रा के बारे में हम लोग जानेंगे .


ब्रह्म मुद्रा योग की लुप्त हुई क्रियाओं में से एक महत्वपूर्ण मुद्रा है. ब्रह्मा के 3 मुख और दत्तात्रेय के स्वरूप को स्मरण करते हुए व्यक्ति तीन दिशा में सिर घूम आए ऐसी प्रक्रिया है. अतः इस क्रिया को ब्रह्म मुद्रा कहते हैं. 




अब हम लोग जानेंगे कि ब्रह्मा की विधि क्या है मुद्रा को किस तरह से किया जा सकता है और इस मुद्रा का लाभ हमें किस तरह से मिलेगा. 


ब्रह्म मुद्रा लगाने की विधि:- वज्रासन पद्मासन में कमर सीधी रखते हुए बैठे. हाथों को घुटनों पर रखें. कंधों को ढीला छोड़ दें. अब गर्दन को सिर के साथ ऊपर नीचे 10 बार धीरे धीरे करें. सिर को अधिक पीछे ना जाने दें. गर्दन ऊपर नीचे चलाते वक्त आंखे खुली रखें. सुभाष चंद्र दे गर्दन ऊपर नीचे करते वक्त झटका ना दें. फिर गर्दन को चलाते वक्त पूरी और कंधा एक ही दिशा में लाने तक गर्दन को घुमाएं. इस प्रकार गर्दन को 10 दाएं बाएं चलाएं और अंत में गर्दन को गोल घुमाना है. गर्दन को ढीला छोड़ कर एक तरफ से धीरे-धीरे घुमाते हुए 10 चक्कर लगाएं. आंखें खुली रखें. फिर दूसरे तरफ से गोल-गोल घुमाएं. गर्दन से चक्कर धीरे-धीरे लगाएं कान को हो सके तो कंधों से लगाएं. इस प्रकार ब्रह्म मुद्रा का अभ्यास किया जा सकता है. 



अब हम लोग जानेंगे कि ब्रह्म मुद्रा को करने से क्या लाभ हैं? इससे हमें क्या बेनिफिट मिल सकते हैं?इसका प्रयोग हम लोग कब कर सकते हैं? इसे किस तरह से उपयोग में लाया जा सकता है तो इस चीज को जानेंगे? 



ब्रह्म मुद्रा के लाभ:- सिर दर्द, सर्दी, जुकाम आदि में लाभ होता है. ध्यान साधना सत्संग के समय नींद नहीं आएगी. आंखों की कमजोरी दूर होती है. चक्कर आना बंद होते हैं. यदि किसी भी प्रकार से उल्टी चक्कर, अनिद्रा और अति निद्रा आदि पर ब्रह्म मुद्रा का आंचल प्रभाव पड़ता है. जिन लोगों को नींद में अधिक सपने आते हैं वे इस मुद्रा का अभ्यास करें तो सपने आने कम हो जाते हैं. ध्वनि समन सिलता की शक्ति कम होती है मानसिक अवसाद कम होते हैं. इस मुद्रा के करने से एकाग्रता बढ़ती है गर्दन सीधी रखने में सहायता मिलती है. 


तो हम लोगों ने जाना कि ब्रह्म मुद्रा क्या है और ब्रह्म मुद्रा का प्रयोग हम लोग किस तरह से और किन बीमारियों के लिए कर सकते हैं और ब्रह्म मुद्रा को जानकर हम लोग कौन से लाभ ले सकते हैं तो आज की पोस्ट में इतना ही फिर अगले पोस्ट में हम लोग कुछ और मुद्राओं को लेकर आएंगे और उन मुद्राओं का भी अध्ययन करेंगे तो आज के लिए इतना ही धन्यवाद.

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