रविन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 07 मई 1861 ई0 को हुआ था। इनको गुरूदेव के नाम से भी जाना जाता है। जो विश्व विख्यात कवि, दार्शिनिक और भारतीय साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। इनकी दो रचनाएँ राष्ट्रगान के रूप में गायी जाती है। हमारा देश की जो राष्ट्रगान ‘जन गण मन‘ है इनही की लिखी हुई है। तो आइए जानते हैं इनके विचारों के बारे में -



  • यदि हमारे अन्दर में प्रेम उत्पन्न ना हो, तो पूरा विश्व हमारे लिए कारागार के समान है। 
  • खुश रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है। 
  • यदि आप इसलिए रोते हैं कि आपका कोई सूरज आपके जीवन से बाहर चला गया, तो आपके आँसू आपको सितारों को देखने से रोकेंगें।
  • आस्था वो पक्षी है, जो अंधेरा होने पर भी सुबह के उजाले को महसूस करती है। 
  • पंखुड़िया को तोड़कर आप फूल की खूबसुरती इकट्ठा नहीं कर सकते।
  • मृत्यु का अर्थ है , प्रकाश को ,खत्म करना नहीं है। यह तो केवल दीपक को बुझाना है, क्योंकि सुबह हो चुकी है। 
  • मत कहो कि यह सुबह है , इसे कल के नाम से टालो नहीं । इसे एक नए बच्चों  की तरह देखों, जिसका अभी तक नाम भी नहीं रखा गया है। 
  • यदि तुम एक दरवाजे से नहीं जा पाते, तो दूसरे दरवाजे से जाओं या नया दरवाजा बनाओं क्योंकि वर्तमान चाहे कितना भी अंधकार में हो, कुछ तो शानदार सामने आएगा ही। 
  • यदि आप अपने गलती के दरवाजों को बंद कर लेगें तो खुद से आप बाहर रह जायेंगें।
  • वैसे लोग जो अच्छा करने में व्यस्त रहते हैं, वे खुद अच्छा बनने के लिये समय नहीं निकाल पाते हैं।
  • बर्तन में रखा पानी चमकदार होता है और समुद्र का पानी गहरा होता है अर्थात् लघु सत्य स्पष्ट होता है, जबकि महान सत्य मौन रहता है। 
  • कला के द्वारा कलाकार स्वयं को उजागर करता है, ना कि वस्तुओं को। 
  • हम स्वतंत्रता तब हासिल कर पायेंगें, जब हम उसकी कीमत चुका देगें।
  • जो मन की पीड़ा को अच्छे से नहीं व्यक्त कर पाता, वैसे ही व्यक्ति को क्रोध ज्यादा आता है। 
  • जो हमारा है वो हमें तभी मिल पाएगा, जब हमारे अंदर उसे ग्रहण करने की क्षमता होगी।

  • हमें यह प्रार्थना नहीं करनी चाहिए कि हमारे सामने चुनौतियाॅ और खतरे न आएॅ बल्कि हमे यह प्रार्थना करनी चाहिए कि उन चुनौतियों का सामना निर्डरता से कर पाए।
  • तितली महिने नहीं क्षण गिनती है, इसलिए उसके पास पर्याप्त समय होता है। 
  • जिस व्यक्ति के पास बहुत सारी वस्तुओं और समम्पति होता है, उसके पास डरने को बहुत कुछ होता है। 

ये रविन्द्रनाथ टैगोर (गुरूदेव)  के विचार आज बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो उनकी जिन्दगी की तरह ही प्रेरणा देती हे। तो इसे जानकर अपने जीवन में इसको धारण करें और सफलता पायंें। 

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